• मंडल की सभी कोचिंग ट्रेनें और 95 प्रतिशत से अधिक मालगाड़ियां इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन से चल रही हैं ।
• खोरधा रोड मंडल पर विद्युतीकरण से सालाना 2,78,250 टन कार्बन फुटप्रिंट की बचत की जाती है ।
• वार्षिक डीजल बिल में लगभग 814.20 करोड़ रु. की कमी ।
२० मार्च २३ (ओडिशा ताजा न्यूज ) खोरधा रोड :- भारत ने कम कार्बन वाले आर्थिक विकास की राह पर पहले कदम के रूप में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में भारतीय रेल एक है जो 2030 तक ” पूर्णत: शून्य” कार्बन उत्सर्जन को पूरा करने के भारत के प्रयासों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा। विद्युत कर्षण परिवहन का पर्यावरण अनुकूल, प्रदूषण मुक्त और एक ऊर्जा कुशल तरीका है तथा ऊर्जा के स्रोत के रूप में जीवाश्म ईंधन का एक उत्कृष्ट विकल्प प्रदान करता है ।पर्णत: शून्य कार्बन उत्सर्जन हेतु भारतीय रेलवे के लक्ष्य को गति देते हुए, पूर्व तट रेलवे के खोरधा रोड मंडल में विद्युतीकरण कार्य जुलाई 1998 में पलासा ओर से शुरू हुआ था। खोरधा रोड मंडल पूर्व तट रेलवे का सन राइज डिवीजन है, जो हावड़ा-चेन्नई ट्रंक रूट में पड़ता है। प्रतिदिन मंडल औसत आधार पर 159 नग कोचिंग ट्रेनों और 307 नग माल गाड़ियों का संचालन कर रहा है। यह तीन प्रमुख बंदरगाहों यानी पारादीप, धामरा, गोपालपुर, कोयला खदानों, लौह अयस्क की खदानों और कई इस्पात संयंत्रों को सेवा प्रदान करता है। खोरधा रोड मंडल भारतीय रेलवे के शीर्ष तीन लोडिंग मंडलों में से एक है। मंडल के प्रमुख सेक्शन भद्रक- खोरधा रोड, खोरधा रोड -पलासा, खोरधा रोड – पुरी, खोरधा रोड -नुआगाँव, कटक-पारादीप, बारंग-राजआठगढ़, निर्गुंडी-तालचेर-केरजंग, जखपुरा-जरोली आदि हैं।
वर्ष 2012 में खोरधा रोड मंडल का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया था। 1141 रूट किलोमीटर और 3160 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया था। खोरधा रोड मंडल में सभी कोचिंग ट्रेनें और 95% से अधिक मालगाड़ियां विद्युत कर्षण से चल रही हैं। मंडल के सभी साइडिंग का विद्युतीकरण भी कर दिया गया है। मंडल के 100% विद्युतीकरण के एक हिस्से के रूप में, 19 ट्रैक्शन सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं, जो ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) को 25 केवी बिजली की आपूर्ति करते हैं। ओएचई के रखरखाव के लिए 20 टावर वैगन हैं। मंडल का संपत्ति से कर्मचारी का अनुपात भारतीय रेलवे में सबसे कम है ।
मंडल रेल प्रबंधक श्री रिंकेश रॉय ने कहा कि 100% विद्युतीकरण के कारण, खोरधा रोड मंडल 278250 टन कार्बन फुटप्रिंट और वार्षिक डीजल बिल में लगभग रु. 814.204 करोड़ बचाने में सक्षम हो सका । खोरधारोड मंडल ने ओवर हेड उपकरणों की विश्वसनीयता के लिए कई प्रणाली सुधार और नवीन विचारों की शुरुआत की है जैसे बिना पावर ब्लॉक के हॉटलाइन इन्सुलेटर की सफाई, ओएचई ब्रेक डाउन की त्वरित बहाली के लिए क्रेन माउंटेड ट्रक, ओएचई ट्रिपिंग को रोकने के लिए इन्सुलेटर की नियमित पेंटिंग, बिजली के कारण ओएचई ब्रेकडाउन को रोकने के लिए डिस्कनेक्टर असेंब्लियों का प्रावधान, लोडिंग/अनलोडिंग क्षेत्रों में संपर्क तार की ऊंचाई बढ़ा दी गई है । प्रदूषित और खारे क्षेत्रों में ओएचई ट्रिपिंग से बचने के लिए पोर्सेलेन इंसुलेटर को कंपोजिट इंसुलेटर से बदल दिया गया है । और बिना रेक के आगे और पीछे किए 61 वैगनों को समायोजित करने के लिए लोडिंग प्लेटफॉर्म ओएचई का विस्तार कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, मंडल विभिन्न रेलवे स्टेशनों और सेवा भवनों में सौर पैनल स्थापित करके पर्यावरण के अनुकूल मोड के लिए वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है ।